बांड क्या हैं?

By स्टॉफ | April 14, 2014 | Last updated on April 14, 2014
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बांड एक आईओयू की तरह है। जब आप बांड खरीदते हैं, तो आप एक निर्धारित ब्याज दर पर एक निश्चित अवधि के लिए किसी कंपनी या सरकार को अपना धन ऋण देने के लिए सहमत होते हैं।

बांड की बुनियादी बातें

बांड सीधे (प्रायः संस्थागत निवेशकों जैसे कि बैंकों और म्यूचुअल फंड कंपनियों को) बेचे जाते हैं और खुदरा निवेशकों को भी, जो द्वितीयक (सेकेंडरी) बाज़ार कहलाता है।

बांड चुनते समय निवेश के प्रोफेशनल तीन मुख्य जानकारियों को ध्यान में रखते हैं: सम मूल्य, कूपन दर और परिपक्वता की तारीख। सम मूल्य (जो कि अंकित मूल्य भी कहलाता है) आपको बताता है कि बांड परिपक्व होने पर आपको कितना धन मिलेगा। कूपन मूल्य का अर्थ बांड पर मिलने वाली ब्याज की दर से है। तथा परिपक्वता की तारीख आपको यह बताती है कि आप मूलधन (मूल धनराशि) कब वापस मिलने की अपेक्षा कर सकते हैं।

बांड के मूल्य और उनकी यील्ड के बीच विपरीत संबंध एक अखरने वाली चीज़ है-सेकेंडरी बाज़ार में बांड की कीमत बढ़ने के साथ इसकी यील्ड कम हो जाती है।

एक वर्ष में बांड से मिलने वाली ब्याज धनराशि को बांड के वर्तमान मूल्य से भाग देकर बांड की यील्ड जानी जा सकती है।

इस तरह से, $100 का बांड 5% यील्ड के साथ धारक को प्रतिवर्ष $5 ब्याज देता है। यदि बांडों की मांग बढ़ती है, तो धारक इसके लिए चुकता $100 से अधिक राशि में इसे सेकेंडरी बाज़ार में बेच सकता है। यदि यह $102 में बेचा जाता है, तो खरीदार को अभी भी केवल $5 का ही ब्याज मिलेगा। इसका अर्थ है कि यील्ड 5% से कम होकर 4.9% रह गई।

बांडों में किसे निवेश करना चाहिए?

हर किसी को। बांड प्रायः किसी निवेश पोर्टफोलियो का ठोस आधार साबित होते हैं क्योंकि वे अपेक्षाकृत अनुमान लगाने योग्य होते हैं।

बांड से जुड़ा प्रमुख जोखिम यह है कि जारीकर्ता, आपको धनराशि चुकता करने में असमर्थ हो सकता है। हाई यील्ड, या तथाकथित जंक बांड में आकर्षक रूप से ऊंची ब्याज दरें होती हैं, क्योंकि उनको जारी करने वालों को पता होता है कि ज्यादातर निवेशकों को इस बारे में संदेह होता है कि बांड परिपक्व होने के समय के समय भी वे बिजनेस में रहेंगे।

लेकिन कनाडा की सरकार के ज्यादातर बांड (संघीय और प्रान्तीय दोनों) एकदम ठोस हैं। यू.एस. ट्रेजरी, और अधिकांश उत्तरी यूरोपीय देशों द्वारा जारी किए जाने वाले बांड भी अपेक्षाकृत सुरक्षित माने जाते हैं।

क्या आपको प्रोफेशनल मदद की ज़रूरत है?

निस्संदेह। बांड खरीदना और परिपक्वता तक इसे रखना, सरल प्रतीत हो सकता है, लेकिन नए बांड नीलामी द्वारा बेचे जाते हैं, और संस्थागत निवेशकों द्वारा ही आमतौर से उन्हें अंकित मूल्य पर खरीदे जाने की संभावना होती है।

सेकेंडरी बाज़ार में बांड्‌स की ट्रेडिंग प्रायः शार्कों के साथ तैरना कहलाती है; हेज फंडों, तथा बड़े वित्तीय संस्थानों की अधिकृत ट्रेडिंग डेस्कों पर कर्मचारी, बांड्‌स का आकलन और व्यापार करने के अलावा और कुछ नहीं करते। पूरा दिन, हर दिन।

वे जानते हैं कि वे क्या कर रहे हैं, इसलिए यह सोचकर खुद को गलतफहमी में मत रखें कि जहां वे चूक गए हैं वहां आप फायदा उठा सकते हैं।

बांड्‌स के प्रोफेशनल प्रबंधित पोर्टफोलियो प्रदान करने वाला रिटेल म्यूचुअल फंड, खुदरा निवेशकों के लिए अच्छा विकल्प हो सकता है। एक्सचेंज-ट्रेडेड बांड फंड एक अन्य विकल्प हैं। वे आमतौर से ऐसे सूचकांक में एक्सपोजर प्रदान करते हैं जो या तो सभी बांडों या उनमें से कुछ निश्चित भाग को ट्रैक करता है।

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