स्टॉक क्या हैं?

By स्टॉफ | April 14, 2014 | Last updated on April 14, 2014
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जब किसी कंपनी को धन की आवश्यकता होती है, तो नकदी हासिल करने के लिए इसके पास मुख्य रूप से दो तरीके होते हैं: यह धन उधार ले सकती है, या यह कंपनी के शेयर बेचकर निवेशकों से धन जुटा सकती है। ये शेयर स्टॉक या इक्विटी कहलाते हैं। स्टॉक खरीदने का अर्थ यह है कि आप कंपनी में कुछ हिस्से के मालिक बन जाते हैं।

स्टॉक की बुनियादी बातें

याद रखने वाली खास बात यह है कि स्टॉक के रिटर्न में दो भाग होते हैं-डिविडेंड (लाभांश) और कैपिटल गेन (पूंजीगत लाभ)।

लाभांश, कंपनी के मुनाफे का भाग होते हैं जो निवेशकों को निवेश बनाए रखने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए दिए जाते हैं। बड़ी, स्थापित कंपनियां प्रायः अपने निवेशकों को लाभांश देती हैं। ये लाभांश तब भी आमदनी देते हैं जब कंपनी तेज गति से वृद्धि न कर रही हो, और वे कर उद्‌देश्यों से आपकी वर्तमान वर्ष की आय में जोड़े जा सकते हैं।

दूसरी ओर पूंजीगत लाभ तब संचित होते हैं जब स्टॉक की कीमत, खरीद कीमत से ज्यादा बढ़ जाती है। हालांकि अच्छी बात यह है कि पूंजीगत लाभ तब तक आयकर में नहीं जुड़ते जब तक आप अपने शेयर बेच नहीं देते।

स्टॉक कैसे चुनें

आमतौर से, जब किसी कंपनी की आमदनी बढ़ती है, तो इसके स्टॉक की कीमतें बढ़ जाती हैं। निवेशक के रूप में आपकी भी संपत्ति बढ़ती है क्योंकि आप ने उसे जितनी कीमत पर खरीदा था उससे ज्यादा कीमत पर इस स्टॉक को बेच सकते हैं या आगे कीमतों में और बढ़ोत्तरी की आशा में इसे रख सकते हैं।

इसका विपरीत भी सत्य हैः आमदनी में गिरावट आने पर स्टॉक की कीमत भी गिरने की संभावना होती है। ऐसी स्थिति में, आपको घाटे में साझेदारी करनी होगी।

यह सुनिश्चित करने के लिए निवेशक कई रणनीतियां अपना सकते हैं कि जो स्टॉक उन्होंने चुना है उसका मूल्य बढ़ेगा। वे कंपनी के राजस्वों, मुनाफों, तथा वित्तीय सेहत के अन्य पहलुओं का मूल्यांकन कर सकते हैं, तथा कंपनी की वृद्धि की संभावनाएं और उद्योग में बाज़ार दशाएं तथा कुल अर्थव्यवस्था पर भी विचार कर सकते हैं।

हालांकि आधारभूत सच्चाई यह है कि स्टॉक चुनने की कोई फुलप्रूफ रणनीति नहीं होती। इक्विटी में निवेश चुनना, आपके लिए एक निश्चित मात्रा में जोखिम उत्पन्न करता है।

यह कहा जाता है कि इसमें आपके निवेश पर ज्यादा रिटर्नों की हमेशा संभावना रहती है; इसलिए स्टॉक लम्बे समय से संपत्ति निर्माण का एक प्रमुख टूल बने रहे हैं।

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