निवेश की इन सामान्य गलतियों से बचें

By अल और मार्क रोजेन | September 11, 2014 | Last updated on September 11, 2014
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हर कोई निवेश की गलतियों पर पछताता है। सबसे सामान्य सात बड़ी गलतियां यहां दी गई हैं, जिनसे बचना चाहिए।

1. किसी कहानी पर आसक्त होना

यदि आप किसी कंपनी या उसके किसी प्रोडक्ट की कहानी पर रीझे हुए हैं, तो आप बुनियादी स्थितियों, बाज़ार की खराब दशाओं, या स्टॉक की ऊंची कीमतों की अनदेखी कर सकते हैं। मार्केटिंग एक्सपर्ट यह मानते हैं कि आंकड़े और तथ्यों की जानकारी देने के बजाय कहानी सुनाकर सबसे अच्छी बिक्री की जाती है। कहानियां आपको निवेश करने के लिए भावुक कर सकती हैं, जो एकदम तथ्यों के आधार पर किए जाने वाले निवेश की अपेक्षा बहुत ज्यादा हो सकता है।

2. यह मान लेना कि इस बार स्थितियां अलग हैं

निवेश की दुनिया में महज यकीन के आधार पर कुछ नया या अलग हटकर करने की कोशिश आपको मुसीबत में डाल सकती है। सीधी बात है कि कभी भी स्थितियां अलग नहीं होतीं। सफल निवेश के लिए हर बार वही परिश्रम करना होता है। चाहे कोई भी वक्त हो, केवल कुछ प्रतिशत ही निवेश बाकियों से बेहतर प्रदर्शन कर पाते हैं। बड़े बदलाव आने में जीवन भर का समय लगता है, यह रातोंरात नहीं हो जाता।

इसलिए, जांचे-परखे और सही तथ्यों पर ही भरोसा करें। कभी भी कोई नए प्रकार के निवेशों से रातोंरात अमीर नहीं बना, विशेषकर ऐसे क्षेत्र में जिसमें भरपूर वित्तीय कुशलता की ज़रूरत होती है।

3. अच्छे विचारों को अच्छे निवेश समझ लेना

कभी-कभी लोग किसी प्रोडक्ट या सर्विस का इस्तेमाल करते हैं-सोशल मीडिया या ऑनलाइन गेमिंग के बारे में सोचें-और तुरंत ही मान लिया जाता है कि यह निवेश का मौका चूकना नहीं चाहिए। यह मान लेना पहली गलती होती है कि उनकी निगाह में यह जल्दी आ गया है और निवेश का कोई ऐसा मौका खोज निकाला है जिसे आम जनता देख नहीं सकी है। अगली गलती यह होती है कि निजी उपयोगिता को अधिक व्यापक लोकप्रियता का आधार समझ लिया जाता है। यह मान लेना तीसरी गलती होती है कि उत्पाद का व्यापक प्रचलन, स्वाभाविक रूप से लाभप्रदता में बदल जाएगा। अंत में, लाभप्रदता भी आकर्षक निवेश की गारंटी नहीं हो सकती, अगर शेयरों की कीमतें काफी ऊंची चढ़ी हुई हों।

कितने निवेशक लम्बे समय तक ब्लैकबेरी पर टिके रहे क्योंकि उनको यह उत्पाद पसंद था, और यह तथ्य चूक गए कि उनका आधार खिसकता जा रहा है? यह विपरीत तरीके से भी कार्य करता है। किसी ऐसे स्टॉक की अनदेखी महज इसलिए न करें क्योंकि आपको वह प्रोडक्ट या कंपनी पसंद नहीं। वॉल-मार्ट से नफरत है? बुरी बात है, क्योंकि तीन साल में यह 50% ऊपर गया है।

4.यील्ड की ललक

महज यील्ड के कुछ अतिरिक्त प्वाइंट लेने के लिए ज्यादा जोखिम वाले निवेशों के चक्कर में मत पड़ें। इस बाज़ार में 7% से ज्यादा यील्ड चेतावनी का संकेत है। एक साल में अर्जित किए गए यील्ड के कुछ अतिरिक्त प्वाइंट, पूंजी हानि के सापेक्ष मिनटों में गायब हो सकते हैं।

5. डबलिंग डाउन

किसी विशेष निवेश पर ब्रेकइवेन करने का फैसला, डबलिंग डाउन कहलाता है। जब बुरी खबरों के कारण कोई स्टॉक गिरता है, तो आपके पास दो विकल्प होते हैं: उसे बेच दें क्योंकि उसके बारे में और भी बुरी खबरें आ सकती हैं, या उस शेयर की तादाद दोगुनी कर लेना, ताकि आधी भी गिरावट वापस होने पर निवेश का घाटा पूरा हो जाए।

यह पूरी तरह मनोवैज्ञानिक कार्य है। डबलिंग डाउन के बजाय लगभग हमेशा ही कोई ज्यादा बेहतर निवेश विकल्प मौजूद रहता है।

6. कम अवधि पर फोकस करना

कम अवधि पर फोकस करने की बहुत सी वजहें होती हैं। निवेश संबंधी ज्यादातर खोजें 12 महीने के नजरिए पर आधारित होती हैं, और पोर्टफोलियो के प्रदर्शन का आकलन यदि मासिक नहीं तो तिमाही आधार पर किया जाता है। यह कहना उचित होगा कि निवेश के मामले में टाइमिंग सही रखने से ही आधी चुनौती हल हो जाती है। कहने की ज़रूरत नहीं, कि कई बार विविध वजहों से बाज़ार में अच्छे स्टॉक भी धड़ाम हो जाते हैं। आपको धैर्य रखना होगा।

7. फायदेमंद स्टॉक लम्बे समय तक रोकना

फायदे देने वाले स्टॉक बहुत लम्बे समय तक रोकना, गिरते स्टॉकों से चिपके रहने की तरह ही महंगा साबित हो सकता है। बड़े कागज़ी नुकसान से बचने का सबसे बढ़िया तरीका यह है कि धीरे-धीरे बेचते रहें। लाभ दर्ज करने वाले स्टॉक्स के खिलाफ कुछ सुनना मुश्किल है, क्योंकि मनोवैज्ञानिक पकड़ मजबूत हो सकती है। लाभ देने वाले स्टॉक्स को निश्चित स्तर पर थोड़ा-थोड़ा करके बेचते जाने से निवेश की इस गलती से बचा जा सकता है।

याद रखें, नियम पालन करना ही निवेश है। भावनाओं में बहना जुआ खेलने के बराबर है।

डॉ. अल रोजेन, एफसीए, एफसीएमए, एफसीपीए, सीएफई, सीआईपी और मार्क रोजेन, एमबीए, सीएफए, सीएफई, एकाउंटेबिलिटी रिसर्च कार्प. चलाते हैं जो कनाडा में निवेश सलाहकारों को स्वतंत्र इक्विटी शोध सेवाएं उपलब्ध कराती है।

अल और मार्क रोजेन